About PCOD in Hindi – वर्तमान समय में मनुष्य आजकल जिस जीवन शैली को अपना रहा है| उससे वह कई बीमारियों से घिरता जा रहा है और इनमें से कई रोग ऐसे होते हैं| जो आगे चलकर हमारे लिए बड़ी समस्या बन जाते हैं उन्हीं में से एक है| पीसीओडी या पीसीओएस और यह समस्या आजकल हर पांच में से एक महिला को होने लगी है |
पीसीओडी क्या है? | About PCOD In Hindi
आइए दोस्तों हम जानते हैं पीसीओडी क्या होता है? (About PCOD in Hindi) और क्यों होता है तथा इसके क्या लक्षण और उपचार क्या है| लेकिन यह सब जान लेने से पहले हमें यह जानना जरूरी है कि पीसीओडी का मतलब क्या है|
पीसीओडी का मतलब क्या होता है? | Pcos Meaning in Hindi
PCOD (Polycystic Ovarian Disease) or PCOS (Polycystic Ovarian Syndrome) होता है ।
About PCOD in Hindi यह महिलाओं में होने वाली समस्या है| जो कि वर्तमान समय में हमारी लाइफ स्टाइल में बदलाव होने के कारण यह समस्या काफी आम हो गई है| शरीर को सक्रिय न रखना नियमित व्यायाम न करने से और गलत खानपान से यह समस्या पीसीओडी का रूप लेने लगती है| यह अक्सर 18-45 उम्र की महिलाओं में होती है महिलाओं के साथ-साथ यह समस्या अब कम उम्र की लड़कियों में भी होने लगी है|
पीसीओडी महिलाओं में अनियमित माहवारी से संबंधित है और बाद में यह महिलाओं के गर्भ धारण करने में काफी परेशानी उत्पन्न करती है पीसीओडी में महिलाओं की ओवरी (overy) में छोटी-छोटी सिस्ट या गांठ बनने लगती है|
पीसीओडी की समस्या क्यों होती है| PCOD Kyu Hota Hai
About PCOD in Hindi इसका पहला कारण शरीर में हारमोंस का असामान्य होना महिलाओं के शरीर में (overy) पुरुष और महिला दोनों प्रकार के हार्मोन (hormone) बनाती है| लेकिन जब महिलाओं में पुरुष हार्मोन (male hormones) अपने स्तर से बढ़ने लगता है तो यह समस्या देखी जाती है| महिलाओं में अनियमित माहवारी के होने से और अंडों का सही प्रकार से न बनने से या कम बनने से यह समस्या उत्पन्न हो जाती है| यह समस्या वंशानुगत (genetically) भी हो सकती है
पीसीओडी के लक्षण तथा इसकी पहचान | PCOD Ke Lakshan in Hindi
महिलाएं अपने शरीर में पीसीओडी के लक्षण देखकर इस समस्या की पहचान कर सकती है| तो आइए देखते हैं कि पीसीओडी के क्या लक्षण है और इसकी पहचान कैसे करें
- अनियमित माहवारी का होना यह इस समस्या का पहला और मुख्य लक्षण है जिसमें महिलाओं में माहवारी अनियमित होने लगती है कई महीनों तक पीरियड नहीं आते हैं| और इसका उपचार न करने पर कुछ समय बाद वह पूर्ण रूप से बंद भी हो सकती है|
- निसंतानता का होना लगातार ओव्यूलेशन ना होने या कम कम होने पर महिलाओं को गर्भ धारण करने में परेशानी उत्पन्न होती है|
- चेहरे पर कील मुहांसों का होना
- शरीर का वजन तेजी से बढ़ना या शरीर में मोटापा आना
- इस समस्या में शरीर में मोटापा आने लगता है|
- शरीर में बालों का बढ़ना
- पीसीओडी में महिलाओं के शरीर और चेहरे पर जैसे ढोडी पर,छाती पर,पीठ पर अनचाहे बाल होने लगते हैं|
- मानसिक व भावनात्मक लक्षण
- पीसीओडी में महिलाओं की अनियमित माहवारी के कारण उसमें चिड़चिड़ापन आने लगता है| और मानसिक तनाव भी बढ़ जाता है|
पीसीओडी की जांच व परीक्षण | PCOS Test Kaise Hota Hai
- किसी महिला को पीसीओडी की समस्या अगर ज्यादा या गंभीर है| तो सर्वप्रथम उसे किसी चिकित्सक की सहायता से अपनी जांच अवश्य करनी चाहिए| जैसे- शारीरिक परीक्षण अल्ट्रासाउंड परीक्षण जो ओवरी और फैलोपियन ट्यूब की होती है|
- हार्मोन ब्लड टेस्ट MRI या CT Scan की जांच के द्वारा भी इस समस्या को पहचाना जा सकता है|
पीसीओडी का उपचार | PCOD Ke Gharelu Upchar
महिलाओं को पीसीओडी में न सिर्फ उचित चिकित्सा का ही सहारा लेना चाहिए| बल्कि उन्हें अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव भी शामिल करना चाहिए उपचार विधियों को कई श्रेणियों में बांटा जा सकता है|
योग द्वारा उपचार | Yoga for PCOS to Get Pregnant in Hindi
- पीसीओडी जैसी समस्या को हम नियमित व्यायाम व योग द्वारा भी दूर कर सकते हैं| क्योंकि इस समस्या में शरीर को क्रियाशील रखना जरूरी होता है| जिससे शरीर का वजन कम होता है, मोटापा घटता है और मानसिक तनाव भी दूर होता है| योग में महिलाएं कपालभाति और अनुलोम विलोम जैसे योग कर सकती है| (लेकिन ध्यान रहे गर्भवती महिलाएं कपालभाति बिल्कुल ना करें)
- नियमित व्यायाम से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है| इससे अनियमित माहवारी भी नियंत्रित हो सकती है| इनके अलावा आप कई तरह के एक्सरसाइज कर सकते हैं | समय पर सोए और अच्छी नींद लें तनाव को अपने आप से दूर रखें
आहार द्वारा उपचार | PCOD Diet in Hindi
जिस तरह किसी भी बीमारी को दूर करने के लिए दवाइयों के साथ-साथ संतुलित आहार की जरूरत होती है| उसी तरह पीसीओडी में भी उचित पर संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है |
पीसीओडी समस्या में क्या खाएं | PCOD Me Kya Khaye
- पीसीओडी में सुबह शाम और दिन में भी हल्का गुनगुना पानी पिए
- प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें जैसे कई प्रकार की दालें, चना अंडा
- हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे ब्रोकोली मीठा नीम गाजर आदि खाएं
- खट्टे फल जैसे संतरा नारंगी आदि का सेवन करें इसके साथ-साथ कई तरह के फल भी खा सकते हैं
- पीसीओडी में अलसी का सेवन करें क्योंकि इसमें OMEGA 3 और Antioxident की मात्रा अधिक होती है| जो हमारे शरीर में हारमोंस को बराबर करती है|
- फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें जैसे ओट्स और दलिया
- दाना मेथी की एक आधी चम्मच को रात को भिगोकर सुबह खा सकते हैं |
- सूखे मेवे जैसे अखरोट और बादाम का सेवन करें
पीसीओडी में क्या नहीं खाएं | PCOD Me Kya Nahi Khaye
- पीसीओडी में तली भुनी चीजें और तेल के पदार्थों का सेवन बिल्कुल ना करें क्योंकि यह आपके मोटापे को बढ़ाता है|
- मैदा से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें क्योंकि यह आपके शरीर में शुगर लेवल को बढ़ाता है |
- जंक फूड और फास्ट फूड खाने से परहेज करें
- कोल्ड ड्रिंक्स और चाय कॉफी ना पिए
- खाने में चीनी की मात्रा और नमक की मात्रा को कम करें
- सफेद चावल ना खाएं और अगर आप नशीले पदार्थों का जैसे शराब या सिगरेट का सेवन करते हैं | यह सभी आपकी समस्या को और बढ़ा सकती है |
पीसीओडी के लिए गोली | PCOD गोली
पीसीओडी के इलाज के लिए एंड्रोजन नामक हार्मोन को कंट्रोल या कम करने वाली टेबलेट मेटामॉर्फिन (Metformin tablet)ली जाती है| जो कि मेडिकल पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है| लेकिन इसे डॉक्टर की परामर्श से ही ले |
PCOD में प्रेगनेंट कैसे हो PCOD Me Pregnant Hone Ke Upay
पीसीओडी में प्रेगनेंट होने के लिए आईवीएफ (IVF) तकनीक की मदद से गर्भ धारण किया जाए| IVF तकनीक पूरी तरह से सुरक्षित तकनीक है | आज के समय में इसका उपयोग बहुत हो रहा है|
यह भी जाने – जानिए गर्भावस्था क्या है? What is Pregnancy in Hindi?
दोस्तों आपको हमारे द्वारा लिखा गया लेख About PCOD In Hindi कैसा लगा हमे अपने विचार कमेंट्स करके जरूर बताये| यदि आपको हमारी यह पोस्ट About PCOD In Hindi अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करे| हम इस प्रकार की और जानकारी आपके लिए लाते रहेंगे| धन्येवाद!