Holi Essay in Hindi – आज हम Hindidrive पर आपके लिए होली पर निबंध लेकर के आये है। जैसा की हम सभी जानते है की होली रंगों का त्यौहार है। इस दिन रंगों की होली खेली जाती है। स्कूल में छात्रों से होली पर निबंध लिखने को कहा जाता है। इसलिए हम आपके लिए होली पर निबंध लेकर के आये है। इसमें हम जानेंगे होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है। इसके साथ ही होली के त्यौहार से जुडी तमाम प्रकार की जानकारियाँ। लीजिये दोस्तों शुरुआत करते है।
Holi Essay in Hindi For Students – होली पर निबंध
प्रस्तावना-
हमारे भारत देश में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं। इन्हीं त्योहारों में से एक होली का त्यौहार भी, हिंदू धर्म में बहुत बड़े त्योहारों में से एक है। होली का त्यौहार फागुन मास में पूर्णिमा के दूसरे दिन मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार मार्च या अप्रैल में आता है। हर साल इसकी तिथि अलग होती है। होली का त्यौहार हिंदू धर्म के लोग ही नहीं अपितु सभी सभी संप्रदाय के लोग बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। इस त्यौहार को बहुत ही प्रेम भाव से आपस में मिलजुल कर एक दूसरे के रंग लगाकर मनाया जाता है। इसीलिए होली को रंगों का त्योहार भी कहा जाता है। होली के लोग आपस में एक दूसरे को रंग बिरंगे गुलाल व रंग लगाकर गले मिलते हैं। बच्चे भी इस त्यौहार को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। एक दूसरे पर पानी से भरी पिचकारी चलाते हैं। और पानी से भरे गुब्बारे फोड़ते हैं। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है।
यह त्यौहार भारत में ही नहीं अन्य कई देशों में भी मनाया जाता है। इस त्यौहार को अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। भारत देश में भी अलग-अलग राज्यों में होली का त्योहार अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। हमारे देश में कई जगह की होली बहुत ही प्रसिद्ध है। जैसे- वृंदावन की होली, बरसाने की होली, ब्रज की होली, काशी की होली आदि।
होली क्यों मनाई जाती है? होली मनाने के पीछे पौराणिक कथा
इस त्योहार मनाने के पीछे हिंदू धर्म में एक पौराणिक कथा मानी जाती है। यह कथा हिरण्यकश्यप और उसके पुत्र प्रह्लाद से जुड़ी है। हिरण्यकश्यप असुरों का राजा था। वह अपने आप को भगवान मानता था, और चाहता था। कि सब उसे भगवान मानकर उसकी पूजा करें। लेकिन उसका पुत्र प्रहलाद विष्णु भक्त था। वह हमेशा विष्णु भक्ति में लीन रहता था। हिरण कश्यप चाहता था, कि उसका पुत्र उसके पिता को ही भगवान माने और उसकी भक्ति करें। कई बार समझाने पर भी जब प्रहलाद नहीं माना तो, हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र की हत्या करवाने का प्रयास किया,लेकिन वह कई भी असफल हो गया।
तब उसने अपनी बहन होलिका से इस कार्य को करने के लिए कहा। होलिका को यह वरदान मिला था कि अग्नि उसे कभी जला नहीं सकती। इसलिए होली का अपने भतीजे प्रहलाद को गोद में बिठाकर अग्नि के बीच में बैठ जाती है। उस समय प्रहलाद विष्णु भक्ति में लीन रहते हैं, और होली का अग्नि में जल जाती है। प्रहलाद भगवान विष्णु की कृपा से बच जाते हैं। इसी खुशी में दूसरे दिन धुलंडी या होली का त्यौहार मनाया जाता है। यह कथा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली का त्योहार भी बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
होली कैसे मनाई जाती है? Holi Kaise Manai Jati Hai?
होली का त्योहार 2 दिन का होता है। पहले दिल को होलिका दहन का दिन माना जाता है। इस दिन होलिका दहन की जाती है, अर्थात एक सेंजने की पेड़ की डाली को रोपा जाता है। उसके आसपास लकड़ियां और घास फूस लगाई जाती है। महिलाएं इस पेड़ की पूजा करती है। समय होने पर इसी जलाया जाता है, और जलते हुए लकड़ियों में से पेड़ की डाली को सुरक्षित निकाल लिया जाता है। यह पेड़ की डाली प्रहलाद के प्रतीक के रूप में मानी जाती है। इस तरह होलिका दहन का यह दिन मनाया जाता है। इसके दूसरे दिन धुलंडी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन घरों में मीठे पकवान बनाए जाते हैं। आपस में लोग एक दूसरे के रंग-बिरंगे रंग व गुलाल लगाते हैं और गले मिलते हैं। लोग आपस में एक दूसरे को मिठाइयां भी खिलाते हैं। बच्चे भी एक दूसरे पर पानी से भरी पिचकारी चलाते हैं। रंग बिरंगे गुब्बारे फोड़ते हैं। यह दिन बहुत ही उत्साह पूर्वक मनाया जाता है।
होली के त्यौहार पर ध्यान रखने योग्य बातें-
त्योहार सभी के लिए खुशियां लेकर आता है। लेकिन अगर इन त्योहारों को मनाने में असावधानी रखी जाए तो यह हमारे लिए हानिकारक हो जाती है। इसी तरह होली के त्यौहार में भी कुछ सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।
- हमें एक दूसरे को रंग व गुलाल लगाते समय ध्यान रखना चाहिए कि, वह केमिकल युक्त रंग ना हो क्योंकि, इससे कई तरह की त्वचा संबंधी रोग हो जाते हैं।
- यह रंग व गुलाल आंखों में भी नहीं जाना चाहिए। इससे आंखों की समस्या भी हो सकती है।
- होली के त्यौहार पर बच्चों को यह ध्यान रखना चाहिए। कि वह बुजुर्ग लोगों पर गुब्बारे ना फोड़े इससे उनको चोट लग सकती है।
- आते जाते वाहनों पर भी पिचकारी या गुब्बारे नहीं फोड़ने चाहिए। इससे कई तरह की दुर्घटना हो सकती है।
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तो दोस्तों, इस प्रकार हमने होली के त्योहार के विषय में विस्तार से जाना। होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi) विद्यालय में भी पूछे जाते हैं। इसलिए यह लेख हमारे विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी है। ऐसे किसी भी त्योहार के विषय में जानने के लिए आप हमें कमेंट कर सकते हैं। हमारे द्वारा लिखे गए लेख आपको कैसे लगे यह भी हमें कमेंट करके जरूर बताएं।